श्री राम शुक्ला
9131444154
रायपुर (छत्तीसगढ़): राजधानी रायपुर स्थिति मुख्यमंत्री निवास में आज हुई केबिनेट की बैठक में निगम, मंडल और आयोगों की बची हुई सीटों के लिए सहमति बन गई है। बैठक में पहली बार प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया की उपस्थित नहीं होने के कई राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
आपको बता दे पुनिया के पिछ्ले दिनों रायपुर प्रवास पर मुख्यमंत्री निवास में ही असन्तुष्ट कार्यकर्ताओँ की भारी भीड़ जमा हो गई थी जहाँ जम कर कार्यकर्ताओं ने अपनी भड़ास निकाली थी। उसके बाद एक नामी होटल में भी बैठक हुई पर सहमति नहीं बनी थी। जिसमें पूर्व विधायक और जिलाध्यक्षों की भी कतार देखी गई थी।
सूत्रों के मुताबिक विवाद न हो इस लिये अब यह कमान स्वयं मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल ने सम्हाली और आनन फानन 15 नामों में सहमति बना ली गई। उसमें दिनेश यदु, रमेश वल्यार्नी, शोभा यदु, अनिता रावटे, हसन खान, विकास तिवारी, आरपी सिंह, मंजू सिंह, नरेंद्र बोलर, अनिल अग्रवाल, शैलेष पांडेय, आलोक चंद्राकर, मलकीत सिंह गैदु, नवाज खान, अटल श्रीवास्तव प्रमुख हैं।
इन विभागों में होनी है नियुक्तियां- छग राज्य पर्यटन मंडल, कृषि उपज मंडी बोर्ड, पर्यावरण संरक्षण मंडल, माटीकला बोर्ड, केश शिल्पी कल्याण मंडल, मार्कफेड, ब्रेवरेज कॉपोर्रेशन, राज्य बीज निगम, सीएसआईडीसी, संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल, मदरसा बोर्ड, दुग्ध महासंघ, मत्स्य महासंघ, हाथकरघा विकास, हिंदी ग्रंथ अकादमी, सिंधी अकादमी, उर्दू अकादमी, युवा आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग, विधि आयोग, शिक्षा आयोग, निशक्तजन आयोग, छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग।
गौरतलब है कि पंद्रह साल बाद सत्ता का स्वाद चखने वाले कांग्रेसियों में मलाई दार पदों के लिये जो जोर आजमाईश चल रही है वह सिर्फ कारों में नेम प्लेट के लिये नहीं बल्कि दुधारू गाय सरीखे निगम, मंडल और आयोगों को दुह कर अपनी तिजोरी भरने के लिये है। कांग्रेस को सत्ता में आये दो साल हो गये हैं। पद न मिलने से कांग्रेस के नामी चेहरों में नाराजगी बढ़ने लगी थी। दो साल का सब्र का बाँध अब टूटने लगा था। जाहिर है नियुक्तियों से लोग पार्टी के लिये भी काम करेँगे अन्यथा तीन साल बाद चुनाव में लोग इधर उधर मुंह मारेंगे।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारवार्ता भी ली जिसमें कृषि बिल व किसान आँदोलन पर भी पत्रकारों के सवालों के जवाब दिये।
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