रायपुर। बच्चों व महिलाओं पर असाधारण रिपोर्टिंग के लिए यूनिसेफ द्वारा नईदुनिया के पत्रकार आकाश शुक्ला को मिडिया फॉर चिल्ड्रन अवार्ड-2022 से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर चरणदास मंहत के हाथों प्रदान किया गया। बता दें आकाश 10 वर्षों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय हैं। स्वास्थ्य को लेकर रिपोर्टिंग के माध्यम से बच्चों और महिलाओं से जुड़े स्वास्थ्य गत मुद्दों को उठाए। इसके साथ ही स्वास्थय, शिक्षा और अन्य सामाजिक मुद्दों पर बेबाकी से लिखते रहे हैं। लेखनी के माध्यम से जागरूकता फैलाने का काम भी किया। इसके साथ ही समाज हित में लगातार बेहतर पत्रकारिता कर रहे हैं। इनके कार्यों के लेकर सम्मानित किया गया है।
सम्मान समारोह के दौरान छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि जीवन रक्षक सूचनाओं का प्रसार करने और जनता को आवश्यक सेवाओं तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। मीडिया फार चिल्ड्रेन अवार्ड राज्य में बच्चों और महिलाओं के कल्याण को बढ़ावा देंगे। मैं पोषण, स्वास्थ्य और सुरक्षा में यूनिसेफ के काम की सराहना करता हूं और राज्य में उनके प्रयासों को समर्थन देने का आश्वासन देता हूं।
समाज में जागरूकता लाने पत्रकारिता की बड़ी भूमिका : द्विवेदी
मुख्यमंत्री के सलाहकार गौरव द्विवेदी ने कहा कि समाज में जागरूकता लाने के लिए पत्रकारों की बड़ी भूमिका है। मुझे गर्व है कि इस तरह के सम्मान समारोह में शामिल होने का अवसर मिला। मौके पर रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़, मुख्यमंत्री के सलाहकार गौरव द्विवेदी, पत्रिका के राज्य संपादक राजेश लाहोटी, यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ श्याम सुधीर बांदी मौजूद थे।
लोगों में जागरूकता लाना जरूरी
यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख जाब जकरिया ने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि मीडिया ने छत्तीसगढ़ में बच्चों की भलाई में सुधार करने में मदद की है। “मीडिया ने परिवारों में पहले छह महीनों के लिए केवल स्तनपान, साबुन से हाथ धोना, बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करना , बच्चों के अनुकूल व्यवहार को बढ़ावा दिया है। परिवारों में ये प्रथाएं बच्चों की मृत्यु, बीमारियों, कुपोषण और एनीमिया को रोकेंगी। उन्होंने कहा कि मीडिया परिवारों और समुदायों में सामाजिक परिवर्तन ला सकता है जिससे बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और सुरक्षा में सुधार होगा। उन्होंने कहा, “मीडिया बच्चों से जुड़े मुद्दों को नीति और निर्णय के केंद्र में भी ला सकता है।