भिलाई। सेक्टर-6 श्री जगन्नाथ मंदिर में चल रहे विलक्षण प्रवचन के आठवें दिन जगद्गुरुत्तम स्वामी श्री कृपालु जी महाराज की प्रचारिका सुश्री महेश्वरी देवी जी ने यह बताया कि आजकल हमारे संसार में वास्तविक गुरुओं के सम्बन्ध मे बहुत अंधकार है। संसार में लोग यह समझते हैं कि यदि किसी महात्मा के पास जाकर सांसारिक सम्पत्ति बढ़ जाए तो यह वास्तविक संत है और इसी को हमें गुरु बनाना है।
जबकि वास्तविक सिद्धांत तो यह है कि वास्तविक संत महात्मा संसार का सामान किसी को नहीं देते हैं। क्योंकि संसार का ज्यादा सामान हमारे भीतर अहंकार पैदा कर देता है और वैसे भी भगवान की भक्ति में अहंकार सबसे बड़ा बाधक तत्व है।
महेश्वरी देवी जी ने वास्तिविक संत को पहचानने में कुछ सावधानियों के बारे में समझाया कि वास्तविक महापुरुष ना किसी को श्राप देता है और ना ही आशीर्वाद देता है। दीक्षा (गुरुमंत्र) इत्यादि भी नहीं देता। शास्त्रों में वास्तविक गुरु को पहचानने के लिए शब्द प्रमाण, प्रत्यक्ष प्रमाण, अनुभव प्रमाण व अनुमान प्रमाण बताया है। महापुरुषत्व बाहर से देखकर आप किसी को नहीं पहचान सकते हैं। ईश्वरीय प्रेम एक परम दुर्लभ निधि है जो प्रत्येक वास्तविक महापुरुष के भीतर पाई जाती है, जिसके द्वारा हम महापुरुष को पहचान सकते हैं।
आयोजन समिति ने बताया कि ग्यारह दिवसीय प्रवचन 20 सितम्बर तक प्रतिदिन शाम 6.30 बजे से 8.30 बजे तक चल रहा है। आप सभी प्रतिदिन आकर लाभ उठा सकते हैं।