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भिलाई। सेक्टर-6 श्री जगन्नाथ मंदिर में ग्यारह दिवसीय धारावाहिक प्रवचन श्रृंखला में सातवें दिन जगद्गुरु स्वामी श्री कृपालु जी महाराज की प्रचारिका सुश्री महेश्वरी देवी जी ने यह बताया कि बिना गुरु के कोई भी जीव भगवान की भक्ति नहीं कर सकता है। भगवान श्री कृष्ण ने गीता में अर्जुन से कहा था कि बिना गुरु के कोई भी जीव मुझे प्राप्त नहीं कर सकता है। राधा गोविन्द गीत नामक ग्रंथ में जगद्गुत्तम श्री कृपालु जी महाराज ने गुरु की महत्ता के बारे में लिखा है कि -गुरु की कृपा बिनु ,गोविन्द राधे। कोटि साधन करो, हरि कछु ना दे। जीवात्मा परमात्मा के बीच की कड़ी का नाम है महात्मा ।
जिस प्रकार सांसारिक पढ़ाई के लिए किसी योग्य शिक्षक की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार भगवान की भक्ति करने के लिए भी किसी श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ महापुरुष की आवश्यकता है। यदि गुरु केवल कान फूँकने वाला होगा तो इससे हमारा काम नहीं बनेगा।
श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ का अर्थ यह है कि ऐसा गुरु जिसके पास तमाम शास्त्रों वेदों का ज्ञान भी हो और जिसका भगवान से साक्षात्कार हो चुका हो। जिसको आनन्द प्राप्ति ,ईश्वर प्राप्ति हो चुकी है। जिसकी माया निवृत्ति हो चुकी है।ऐसा गुरु हमें भगवान से मिला सकता है।
गुरु है महात्मा गोविन्द राधे ।
आत्मा को परमात्मा से मिला दे।
आयोजन समिति के सदस्यों ने मिलाई नगर वासियों से यह अनुरोध किया है कि आप सभी प्रतिदिन शाम 6.30 से 8.30 बजे तक उपस्थित रहकर विलक्षण दार्शनिक प्रवचन सुनकर लाभ उठाए। प्रवचन 20 सितंबर तक चलेगा।