भिलाई । बाहरी और भीतरी दावेदारों को लेकर अहिवारा में जमकर माहौल बना हुआ है। भाजपा और कांग्रेस में संभावित नामों को लेकर बेहद आक्रोश है। कार्यकर्ता प्रदेश संगठन से लेकर दिल्ली तक शिकायत कर रहे हैं। साफ कहा जा रहा है कि यदि किसी दूसरे विधानसभा में निवासरत नेता को अहिवारा से टिकट दिया जाएगा खुले आम पार्टी के खिलाफ काम करना तय है।
अहिवारा विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेशबघेल का निवास स्थान है। इसलिए इस सीट को भी कम नहीं आंका जा सकता।पीएचई मंत्री रुद्र गुरु यहां से विधायक है। 2018 में उनकी दावेदारी को लेकर भी जमकर बवाल कटा था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने साफ कह दिया था कि पैराशूट प्रत्याशी नहीं चलेगा। यही हाल भाजपा में भी था।सांवला राम डाहरे को टिकट दिए जाने से नाराज भाजपा के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कार्यालय में प्रदर्शन तक कर दिया था, पर उस वक्त स्थिति एेसी नहीं थी कि तुरंत टिकट बदल दिया जाए। दरअसल बीते साल नामांकन के एक दो दिन पहले ही टिकट की घोषणा हुई थी। इस बार दोनों दलों ने परिपाटी बदल दी है। भाजपा ने चार महीने पहले ही 21 सीटों की घोषणा कर दी। वहीं अक्टूबर में दोनों दल सभी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर देंगे। इसलिए यह कहा जा रहा है कि इस बार दोनों दलों में जमकर विरोध होना है।अहिवारा में संभावित नामों को लेकर विरोध शुरू भी हो गया है।
भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि 2008 में विधानसभा बना तब से तीन चुनाव हो चुके हैं। तीनों चुनाव में अहिवारा विधानसभा के किसी भी नेता या कार्यकर्ता को प्रत्याशी नहीं बनाया गया। जबकि कांग्रेस ने 2008 में ओनीमहिलांग, 2013 में अशोक डोंगरे को मौका दिया था। इसलिए भाजपा के कार्यकर्ता चाहते हैं कि अहिवारा विधानसभा में अहिवारा विधानसभा क्षेत्र का रहने वाले किसी भाजपा कार्यकर्ता को प्रत्याशी बनाया जाए।
संभावित नाम आने के बाद विरोध तेज
भाजपा में संभावित प्रत्याशियों का नाम आने के बाद से विरोध तेज हो गया है। मंडल व भाजपा कार्यकर्ताओं की रोज बैठकें हो रही है। बाहरी प्रत्याशी नहीं चलेगा का पोस्टर अभियान चलाया जा रहा है। रोज प्रदेश कार्यालय में प्रदेश के नेताओं से मिलकर विरोध जताया जा रहा है। दिल्ली तक ई मेल तथा अन्य माध्यमों से शिकायत कर अपनी बात रखी जा रही है। कुल मिलाकर अहिवारा में दोनों दलों में विद्रोह जैसी स्थिति बनती दिख रही है।