भिलाई । एक इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से भाजपा के संभावित प्रत्याशियों का नाम चलाया गया था। कहा गया था कि इन संभावित प्रत्याशियों की टिकट लगभग तय है। संभावित प्रत्याशियों ने भी स्वयं को प्रत्याशी मान लिया गया था। उनको बधाई संदेश भी मिलने लगा था, पर अब मामला उलट पड़त दिख रहा है। बताया जा रहा है कि संभावित प्रत्याशियों का नाम सामने आने के बाद से विधानसभा से लेकर प्रदेश तक हड़कंप मच गया था। आक्रोश व इस्तीफे की पेशकश शुरू हो गई थी। चर्चा है कि भाजपा के रणनीतिकारों का यह प्लान था। प्लान के तहत अब संभावित प्रत्याशियों का टिकट फंसना तय बताया जा रहा है।
चार दिन पूर्व मीडिया के माध्यम से एक सूची जारी हुई थी। जिसमें दुर्ग जिले के पांच विधानसभा सिटों पर संभावित प्रत्याशियों का नाम बताया गया था।भिलाई नगर से प्रेम प्रकाश पाण्डेय, वैशाली नगर से रिकेश सेन, दुर्ग से गजेंद्र यादव, दुर्ग ग्रामीण से ललित चंद्राकर तथा अहिवारा से डोमन लाल कोर्सेवाड़ाव उषा बारले को संभावित प्रत्याशी बताया गया था। इसके बाद पूरे जिले में राजनीतिक तौर पर हड़कंप मच गया था।भिलाई नगर को छोड़ दे तो शेष स्थानों पर हंगामा शुरू हो गया था।इस्तीफे की पेशकश शुरू हो गई थी। प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक मेल भेजे जाने लगे थे। प्रदेश के बड़े नेताओं के पास लगातार फोन घनघनाने लगे थे। भाजपा के दूसरे दावेदार तथा कार्यकर्ता प्रदेश कार्यालय पहुंचकर बड़े नेताओं के सामने आक्रोश जाहिर करने लगे। साथ ही संभावित प्रत्याशियों की कमियां गिनाते हुए साफ कह दिया कि यदि इन्हें टिकट मिला तो पार्टी किसी भी कीमत पर नहीं जीत सकती, साथ ही कोई काम भी नहीं करेगा।
सूची लीक होने से संगठन के नेता भी नाराज
भाजपा की सूची लीक होने के बाद जो राजनीतिक हंगामा मचा उससे भाजपा के रणनीतिकारव बड़े नेता भी भौचक रह गए थे। दरअसल भाजपा ने दावा किया था कि इस बार टिकट सर्वे के आधार पर दिया जाएगा। कहा यह भी गया था कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर समेत तमाम नेताओं ने अपने अपने हिसाब से सर्वे कराया था। दो से तीन राऊंड के सर्वे के आधार पर नामों का पैनल बनाया गया था। इस सर्वे सूची को बेहद गुप्त रखा गया था। बावजूद यह लीक हो गया। प्रदेश भाजपा से खबर है कि सूची लीक होने से नाराज ओम माथुर ने एक तरह से दूरी बना ली है।
रणनीति का हिस्सा
भाजपा की राजनीति को नजदीक से समझने वाले यह बता रहे हैं कि दरअसल एेसी कोई सूची बनी ही नहीं थी। संभावित प्रत्याशियों के नाम पर भाजपा ने बड़ा खेल किया। भाजपा जानबुझकर संभावित प्रत्याशियों के नाम को सामने लाकर विधानसभा क्षेत्र में इन नामों को लेकर जनता तथा भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं के बीच प्रतिक्रिया देखना चाहती थी। जिसमें भाजपा काफी हद तक सफल हो गई। अब कहा जा रहा है कि जिनको संभावित प्रत्याशी बताया गया था, उनमें बहुत से नामों पर तलवार लटकना तय है। यानी अब उन्हें टिकट की दौड़ से बाहर माना जा रहा है। बहुत जल्द ही भाजपा की दूसरी लिस्ट जारी होने की बात कही जा रही है।