भिलाई। कांग्रेस और भाजपा भले ही यह कह रहे हों कि पार्टी जिसे भी टिकट देगी सब मिलकर उसके लिए काम करेंगे, पर एेसा होता दिख नहीं रहा है। दरअसल अभी से इस बात को लेकर लामबंदी शुरू हो गई है कि पार्टी ने उटपटांग प्रत्याशी या पैराशूट प्रत्याशी दिया तो बर्दास्त नहीं किया जाएगा। अहिवारा में तो अभी से विरोध के स्वर सुनाई देने लगे हैं। अहिवारा से स्थानीय को ही टिकट देने की मांग उठ रही है।
2008 में बने अहिवारा विधानसभा में अब तक जितने भी प्रत्याशी भाजपा कांग्रेस ने दिए हैं, उसमें से दो को छोड़ शेष दूसरे विधानसभा के प्रत्याशी रहे हैं। कांग्रेस के ओनी महिलांग और अशोक डोंगरे ही स्थानीय प्रत्याशी रहे हैं, हालांकि स्थानीय प्रत्याशी होने के बाद भी दोनों चुनाव हार गए थे। जबकि भाजपा के दोनों पूर्व विधायक तथा वर्तमान विधायक पीएचई मंत्री रुद्र गुरु दूसरे विधानसभा में निवासरत लोग है। जिन्हें भाजपा और कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया, और तीनों ने जीत दर्ज की। बीते चुनाव में सांवला राम डहरे को भाजपा ने दूसरी बार मौका दिया, और डहरे चुनाव हार गए।
दोनों दलों में यही मांग
अहिवारा विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस दोनों दल के स्थानीय नेता व कार्यकर्ता लगातार यह मांग कर रहे हैं कि पार्टी इसी विधानसभा में रहने वाले किसी व्यक्ति को टिकट दे। चाहे वह कोई भी हो, सब उसके लिए मिलकर काम करेंगे। भाजपा में तो हाल यह है कि जितने भी दावेदार टिकट मांग रहे हैं, उसमें से ज्यादातर दूसरे विधानसभा के लोग है। यह बात भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के लोगों को नागवर गुजर रही। इस बात को लेकर भाजपा में एक तरह से लामबंदी भी शुूरू हो गई है। दूसरे विधानसभा के दावेदार को प्रत्याशी बनाए जाने की स्थिति में विरोध की तैयारी भी शुरू हो गई है। इस बार का टिकट वितरण भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।