भिलाई । टिकट को लेकर दावेदारों में धुकधुकी तेज हो गई है। टिकट की घोषणा की बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। दावेदार भाजपा नेताओं से लेकर मीडिया कर्मी, जान पहचान वाले गुप्तचार शाखा के लोगोें से बार बार यही पूछ रहे हैं कि टिकट किसको मिलेगा। किसका नाम फायनल हो सकता है। मेरा नाम दौड़ में है कि नहीं। टिकट को लेकर दोनों दलों का यही हाल है। किसी को कुछ भी पता नहीं है कि किसका नाम फायनल हो सकता है।
बता दें कि भाजपा की एक लिस्ट जारी हो चुकी है। दूसरी लिस्ट को लेकर मंथन चल रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा छत्तीसगढ़ की एक एक सीटों पर मंथन कर रहे हैं। खबर तो यह भी है कि 69 नामों पर नाम तय किया जा चुका है। घोषणा भर शेष है। यही हाल कांग्रेस का भी है। कांग्रेस ने अभी एक भी सीटों पर घोषणा नहीं की है, पर वहां भी मंथन चल रहा है। प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर मंथन किया जा रहा है। मंत्रियों की अपनी ही सीट से लड़ना तय है, पर बहुत से विधायकों की टिकट काटे जाने की खबर है। रही बात मंथन की तो इस बात को लेकर अब दोनों दल के लोग संगठन का मजाक उड़ाने लगे हैं कि जब मंथन ही करना था तो साल दो साल पहले से अलग अलग एजेंसियों के माध्मय से तीन तीन राउंड का सर्वे क्यों कराया गया।
भाजपा और कांग्रेस में टिकट को लेकर घोषणा कभी भी हो सकती है। कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा है, उसके बाद घोषणा होगी। इस खबर से दावेदारों की धूकधूकी तेज हो गई। दरअसल जिले के पाटन व भिलाई नगर को छोड़ दिया जाए तो हर विधानसभा में दाववेदारों की भीड़ है। दुर्ग ग्रामीण में भीड़ थोड़ी कम है, पर दुर्ग शहर, वैशाली नगर व अहिवारा में अच्छी खासी भीड़ है। वैशाली नगर में तो इस बार टिकट मांगने वालों ने रिकार्ड ही तोड़ दिया। सिर्फ भाजपा में ही नहीं, वैशाली नगर से टिकट मांगने वालों की भीड़ भाजपा के साथ साथ कांग्रेस में भी 70 के आंकड़े से पार है। यही बात दोनों दलों को सताए जा रही है। टिकट किसी एक को ही मिलना है, एेसे में खुला घात व भीतरघात जमकर होना है। आम चर्चे में दावेदार इस बात की धमकी भी देते नजर आते हैं कि यदि किसी आएं बाएं को टिकट दिया गया तो निपटाएंगे।
बहरहाल बेचैनी और बेसब्री टिकट को लेकर है। दावेदार दिल्ली से लेकर रायपुर तक जुगाड़ फिट करने में जुटे हुए हैं। साथ ही यह जानने की भी कोशिश कर रहे हैं कि आखिर किसका नाम फायनल हो रहा है। मीडिया कर्मियों और एलआइबी से जुड़े लोगों को फोन करके पूछा जा रहा है। दोनों दलों ने सस्पेंस इस कदर बना रखा है कि यह बता पाना मुश्किल हो रहा है कि दौड़ में कौन आगे हैं, किसके नाम से मुहर लग सकती है। दावेदारों को कब तक इंतजार करना होगा यह कह पाना भी मुश्किल है।