भिलाई। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में टिकट को लेकर खामोशी छाई हुई है, पर पाटन में जबरदस्त राजनीतिक गर्माहट है। अहिवारा, भिलाई, वैशाली नगर, दुर्ग ग्रामीण तथा दुर्ग के नेता पाटन में सक्रिय हैं। जिले का हर नेता सुबह से लेकर रात तक अपनी पार्टी के प्रचार में लगा हुआ है। उनके द्वारा जीत हार का दावा और दावे के पीछे कारण भी गिनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की सबसे हाईप्रोफाइल सीट पाटन में प्रचार करने को लेकर नेता खुद को भाग्यशाली बता रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने जिन 21 सीटों पर टिकट की घोषणा की है, उनमें से दुर्ग जिले का पाटन विधानसभा भी एक है। जहां से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस परंपरागत सीट पर भाजपा ने इस बार दुर्ग सांसद विजय बघेल को प्रत्याशी बनाकर दांव खेला है। हालांकि विजय बघेल 2008 और 2013 में भी यहां से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रह चुके हैं। 2008 में जहां वे जीतकर संसदीय सचिव बने थे तो 2013 में उन्हें हार मिली थी। 2018 में पाटन से पांचवी बार जीतकर भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने। अब चूंकी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यहां से लड़ना तय है, इसलिए इस विधानसभा में टिकट को लेकर तस्वीर साफ हो गई। कांग्रेस से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तो भाजपा के घोषित प्रत्याशी विजय बघेल। जिले में दोनों नेताओं का समर्थक वर्ग बड़ा है। इसलिए पाटन में चुनावी माहौल बन चुका है।
जिले के नेता पाटन में सक्रिय
दुर्ग जिले की पांच सीटों की घोषणा अभी बाकी है। इसलिए दुर्ग विधानसभा, दुर्ग ग्रामीण विधानसभा, भिलाई नगर विधानसभा, वैशाली नगर विधानसभा तथा अहिवारा विधानसभा के तमाम नेता सुबह पाटन के लिए निकल जाते हैं। देर रात तक प्रचार कर वापस लौटते हैं। जब से विजय बघेल का टिकट फायनल हुआ है तब से दोनों दलों के नेताओं का यही दिनचर्या है। प्रचार से वापसी के बाद दोनों दल के नेता जीत हार का दावा करते हैं। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि पाटन से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हरा माना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। वहीं भाजपा नेता कह रहे हैं कि इस बार फिजा बदल रही है। पाटन की जनता परिवर्तन के मूड़ में है। वे अब विजय बघेल को मुख्यमंत्री के रुप में देखना चाहती है। जैसी तमाम बातें है। कुल जमा हाई प्रोफाइल सीट पाटन में राजनीतिक सरगर्मी तो तेज है ही, चुनावी चर्चा भी पूरे उफान पर है। हर दिन जीत हार का कोई ना कोई बड़ा दावा व कारण गिनाया जा रहा है।