भिलाई । चुनावी दस्तक के साथ ही राजनीतिक भी तेज होने लगी है। टिकट के दावेदार भी जोर अजमाइश शुरू कर चुके हैं। रायपुर से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगाई जा रही है। हर कोई अपनी टिकट पक्की होने का दावा कर रहा है। सब बड़े नेताओं को साधने में जुट गए हैं। हालात दोनों पार्टियों में बराबर है। दरअसल दोनों दल के नेताओं को लग रहा है कि महौल इस बार उनकी पार्टी के पक्ष में इसलिए उनकी जीत भी तय है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ का मानसून सत्र इस सरकार का आखिरी विधानसभा सत्र होगा। एेसा कहा जा रहा है कि अक्टूबर में आचार संहिता की घोषणा हो जाएगी। दिसंबर में चुनाव होना है। जनवरी के प्रथम सप्ताह में नई सरकार शपथ ले लेगी। ये शेड्यूल बन चुका है। इसलिए चुनावी हलचल ने गति पकड़ लिया है। हर कोई खुद को प्रमुख तथा जीतने लायक दावेदार बता रहा है। एक तरह से नेताओं ने खुद का सर्वे भी करा लिया है। इसलिए वह पूरी तरह से अति आत्मविश्वास में है कि उन्हें टिकट मिला तो वहीं जीत पाएंगे, दूसरे को मिला तो वह हार जाएगा। इसलिए चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों ने अभी से आकाओं को साधना शुरू कर दिया है। रायपुर से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगाई जा रही है। इंटरनेट मीडिया में पोस्ट डाले जा रहे हैं।
दुर्ग जिले में छह विधानसभा सीट है। अगर कांग्रेस की बात करें तो पाटन, अहिवारा, दुर्ग व दुर्ग ग्रामीण को छोड़ दिया जाए तो शेष विधानसभा में टिकट के लिए घमासान होना तय है। पाटन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सीट है, तो दुर्ग ग्रामीण गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू व अहिवारा पीएचई मंत्री रुद्र गुरु की सीट है। इन्हीं तीनों जगहों से इन नेताओं का लड़ना तय है। दुर्ग से अरुण वोरा की टिकट भी पक्की मानी जा रही है। शेष दो विधानसभा भिलाई नगर व वैशाली नगर में टिकट के लिए घमासान हो सकता है। हालांकि भिलाई नगर से देवेंद्र यादव को खुलकर चुनौती देने वाला फिलहाल कांग्रेस का कोई नेता नहीं है, पर कहा जा रहा है कि भीतर ही भीतर कई नेता तैयारी में लगे हैं। भाजपा में तो पाटन को छोड़ दिया जाए तो सभी सीटों पर टिकट के लिए जबरदस्त घमासान अभी से दिखाई देने लगा है।
भाजपा व कांग्रेस के नेता टिकट के लिए बायोडाटा लेकर घूमना शुरू कर चुके हैं। आकाओं के चक्कर काट रहे हैं। कोई रोज रायपुर में डेरा डाले हुए तो कोई आए दिन दिल्ली का चक्कार काट रहा है। बताया जा रहा है कि वैशाली नगर से टिकट की चाह रखने वाली एक भाजपा नेत्री बीते सप्ताह भर से दिल्ली में डेरा डाले हुए है। वह भाजपा के तमाम बड़े नेताओं को साधने में जुटी है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा इस बार टिकट को लेकर कोई रिस्क नहीं लेने वाली। टिकट वितरण को लेकर फार्मुला सिर्फ अमीत शाह का चलना वाला है। वहीं कांग्रेस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल टिकट तय करेेंगे।