भिलाई। प्रदेश महिला मोर्चा की कार्यकारिणी भी घोषित कर दी गई। कार्यकारिणी को लेकर भिलाई भाजपा के कार्यकर्ता भी हैरान है। दरअसल कार्यकारिणी में भिलाई जिला भाजपा से सिर्फ दो लोगों को पदाधिकारी बनाया गया है। वहीं पूर्व महापौर निर्मल यादव को प्रदेश आमंत्रीत सदस्य बनाया गया है। भिलाई जिला महिला मोर्चा अध्यक्ष की घोषणा भी रोक दी गई है। कहा जा रहा है कि तीन नामों के चलते पेंच फंस गया है। अब वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन के बाद किसी एक नाम की घोषणा की जाएगी।
बता दें कि गुरुवार की रात प्रदेश महिला मोर्चा कार्यकारिणी की घोषणा की गई। इसमें जामुल नगर पालिका की पार्षद तथा पूर्व में भी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रही कविता विश्वाल को यह पद फिर से दिया गया है। वहीं संगठन में काफी समय से सक्रिय रही गीता विश्वकर्मा को भी प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य बनाया गया है। जानकार बता रहे हैं कि कार्यकारिणी यथावत रखी गई है, बस एक दो पुराने नाम को हटाकर नया नाम जोड़ दिया गया है। वहीं भिलाई से सिर्फ दो नामों को लेकर भाजपा कार्यकर्ता आश्चर्य जता रहे हैं। वह भी कोई विशेष पद ना देकर इन्हें सिर्फ कार्यसमिति सदस्य बस बनाया गया है।
महिला मोर्चा की घोषणा रुकी
संगठन भिलाई में गुटबाजी खत्म करने का लगातार प्रयास कर रहा है, बावजूद भिलाई में गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इसी का नतीजा है कि भिलाई जिला भाजपा महिला मोर्चा की घोषणा प्रदेश संगठन ने रोक दी है। दरअसल अध्यक्ष के लिए तीन नाम है। सेक्टर-2 की पूर्व पार्षद रश्मि सिंह, श्रीराम जन्मोत्सव समिति की जिला अध्यक्ष मंजू दुबे तथा मिथिला खिचरिया का। बताया जा रहा है कि संगठन के पास सबसे पहला नाम रश्मि सिंह का भेजा गया था। बाद में दो नाम और जोड़ गया। अब इन तीनों नामों में पेंच फंस गया है। अब नाम पर अंतिम फैसले की जिम्मेदारी संगठन के वरिष्ठ नेताओं पर डाल दी गई है।
मंडल अध्यक्ष पर भी नहीं हो पा रहा फैसला
प्रदेश संगठन भिलाई जिला से गुटबाजी खत्म करने का प्रयास कर रहा है, पर कहीं ना कहीं गुटबाजी के चलते कार्यकारिणी या मंडल की घोषणा में देरी हो रही है। बताया जा रहा है कि भिलाई जिले के दसों मंडल के अध्यक्षों की सूची तैयार है। चरोदा मंडल व कुम्हारी मंडल में पेंच फंस गया है। यहां से भी अलग अलग खेमे से तीन तीन नाम है। प्रदेश संगठन के लिए फैसला कर पाना मुश्किल हो रहा है। 20 जनवरी तक भिलाई जिला कार्यकारिणी व मंडल अध्यक्षों के नाम की घोषणा करने की बात कही गई थी, पर चरोदा मंडल व कुम्हारी मंडल की वजह से पेंच फंसता दिख रहा है।
(साभार नईदुनिया)