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भिलाई। भोजपुरी जन जागरण अभियान नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संतोष पटेल द्वारा भोजपुरी भाषा को अष्टम सूची में सम्मिलित करने हेतु 6 अगस्त को जंतर मंतर पर शांतिप्रिय धरना दिया जा रहा है ।छत्तीसगढ़ भोजपुरी परिषद इस धरना को समर्थन करते हुए शनिवार को महामहिम राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम जिलाधीश दुर्ग को ज्ञापन सौंपा गया ।
भोजपुरी भाषा को अष्टम सूची में शामिल करने विगत कई वर्षों से भोजपुरी भाषा भाषी के लोग भोजपुरी बोली को मान्यता देने हेतु मांग कर रहे हैं। लेकिन, अभी तक मंजूरी नहीं दी गई है। भाषा सिर्फ शब्दों और संवाद नहीं भावनाओं का संस्कृति और सभ्यता का प्रतिमान होता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, नेपाल के तराई में बोली जाने वाली भाषा जो दुनिया के सबसे मीठी भाषाओं में सम्मिलित है। जिसे नेपाल, फिजी, मारिसस, युगांडा अनेक देशों ने राष्ट्रीय संवैधानिक भाषा के रूप में मान्यता दी है ।
जिसके बोली जाने वाली 2011 के आंकड़ों के हिसाब से भारत में 6 करोड़ तथा दुनिया में 20 करोड़ है। दुनिया के 40 देशों में यह भाषा बोली जाती है। मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा में विश्व के 154 भाषाओं में स्थान दिया गया है। हम गर्व के साथ कह सकते हैं एक भोजपुरी भाषा के हिस्सेदार होने के नाते कि भोजपुरी उनमें से भोजपुरी एक संपूर्ण भाषा है। मूलतः इसकी उत्पत्ति संस्कृति और उसके संस्कार से हुई है ।
आज भोजपुरी भाषा की मान्यता हेतु संजय ओझा, वीरेंद्र यादव, निशिकांत शर्मा, की दिशा निर्देश में ज्ञापन दिया गया। जिसमे परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष प्रभुनाथ बैठा, महासचिव बीपी सिंह ,कोषाध्यक्ष सुभाष शर्मा, रतन कुमार पोद्दार उपस्थिति थे ।