भिलाई। इंडियन अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स एवं नेशनल निओनेटोलॉजी फोरम के बैनर तले भिलाई में एक कार्यशाला हुई। सात जनवरी को स्पर्श मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल भिलाई में बेसिक निओनेटल रिससिटेशन प्रोग्राम फर्स्ट गोल्डन मिनट प्रोजेक्ट पर एक दिवसीय कार्यशाला हुई। इसमें प्रमुख रूप से नवजात बच्चों का ब्रेन डैमेज को रोकने के साथ ही उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव के लिए स्पर्श हॉस्पिटल में विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया।
नवजात शिशुओं की मृत्यु दर रोकने और जन्म के दौरान होने वाले ब्रेन डैमेज को खत्म करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
कार्यशाला में NRP ट्रेनर्स द्वारा नवजात बच्चे के जन्म के पहले मिनट में किए जाने वाले महत्वपूर्ण कार्य जिससे बच्चे की जान बचाई जा सकती है और उसको मानसिक रूप से अस्वस्थ होने से बचाया जा सकता है आदि महत्वपूर्ण बातों को बेहतर ढंग से प्रदर्शित किया गया। इस कार्यशाला में कुल 24 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला में NRP ट्रेनर के तौर पर चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के डॉ.ओमेश खुराना, दुर्ग चिकित्सालय में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.सीमा जैन, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.अरविंद सावंत ने प्रतिभागियों को विषय से संबंधित बारीकियों से अवगत कराया। तीनों विशेषज्ञों को इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक द्वारा नामित किया गया है।
कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ.अरविंद सावंत द्वारा किया गया। SMH प्रबंधन की ओर से डॉ.दीपक वर्मा, प्रबंध निदेशक एवं डॉ.संजय गोयल निदेशक और मेडिकल सुपरीटेंडेंट ने इस कार्यशाला के सफलतापूर्वक आयोजन पर खुशी जाहिर की। साथ ही भविष्य में इस तरह की कार्यशाला करने की इच्छा जाहिर की।
*डॉ. सावंत को मिली बड़ी जिम्मेदारी*
गौरतलब है कि इस कार्यक्रम को देश भर में संचालित करने के लिए डॉ.अरविंद सावंत को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके लंबे तजुर्बे के कारण अन्य लोगों को प्रशिक्षित करने कि लिए डॉ.अरविंद सावंत को नामित किया गया है।