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भिलाई । भिलाई तीन के ग्राम अकलोरडीह तालाब में मिली युवक की लाश, और हत्या की पूरी गुत्थी को पुलिस ने सुलझा ली है। हत्याकांड के मुख्य आरोपी आशीष तिवारी और मृतक ओमप्रकाश साहू की मुलाकात केंद्रीय जेल दुर्ग में हुई थी। मुख्य आरोपी आशीष तिवारी ने अपनी जमानत करवाने का जिम्मा ओमप्रकाश साहू को दिया था। जेल से पहले छूटने के बाद ओमप्रकाश साहू ने आशीष तिवारी के पिता से उसकी जमानत के लिए 30 हजार रुपए लेकर हजम कर लिया था। जिसके चलते उसे और ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ा था। वहीं ओमप्रकाश ने आरोपी से करीब सवा लाख रुपये और लिए थे। रुपए लौटाने में वो लगातार टालमटोल कर रहा था। जिससे नाराज होकर आशीष ने हत्या की साजिश रची और अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया।
एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने बताया कि एकता नगर भिलाई तीन निवासी ओमप्रकाश साहू की हत्या के आरोप में आशीष तिवारी (34) निवासी गुरु घासीदास नगर जामुल, रजनीश पांडेय उर्फ अंकू (30) निवासी बालाजी नगर खुर्सीपार जोन-दो सेक्टर 11 और अनुज तिवारी उर्फ लाला (19) निवासी बालाजी नगर खुर्सीपार जोन दो सेक्टर 11 को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने हत्या के लिए पूरी योजना बनाई थी। जिसके तहत आशीष तिवारी ने उमदा में एक मकान किराये पर लिया था। उसने अपने दोस्तों के माध्यम से एक नया मोबाइल सिम लिया था और उससे फोन कर 31 मई को ओमप्रकाश साहू को उमदा दारू भट्ठी के पास बुलाया था। ओमप्रकाश साहू अपनी स्कूटी से उमदा गया। जहां से आरोपी उसे लेकर उमदा स्थित मकान पर गए। वहां पर सभी आरोपियों ने ओमप्रकाश के साथ मिलकर खूब शराब पी। शराब पीने के बाद सभी को नशा हो गया तो वे लोग वहीं पर सो गए। इसके बाद वे लोग भोर में चार बजे उठे। आशीष तिवारी ने ओमप्रकाश साहू से अपने रुपये वापस मांगे। इस बात पर उनके बीच विवाद शुरू हुआ। जिसके बाद आरोपियों ने उसका गला और मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपियों ने उसकी लाश को उसी कमरे में छोड़ा और अपने अपने घर चले गए।
सुबह आरोपी आशीष तिवारी ने ओमप्रकाश साहू की पत्नी कविता साहू को दो बार फोन किया और उससे कहा कि उसके पति ने महादेव बुक के सट्टा का 30 लाख रुपए दबाया है। यदि उसे वो 30 लाख रुपए नहीं मिलते हैं तो वो उसके पति को जान से मारकर उसकी लाश को उसके घर भेज देंगे। इस तरह की धमकी मिलने से भयभीत कविता साहू ने अपने वार्ड के पार्षद को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद ये मामला पुलिस तक पहुंचा था। इधर, आरोपियों ने एक जून की शाम को मार्केट से बोरा, आरी और रस्सी खरीदा और वापस उमदा स्थित कमरे में गए। वहां पर आरोपियों ने ओमप्रकाश साहू की लाश को बोरे में भरा। लाश बोरे में नहीं जा रहा था, इसलिए आरोपितों ने आरी से उसके जांघ और कमर के पास काटकर लाश को मोड़कर बोरे में भरा। इसके बाद बोरे को रस्सी से बांधा। मृतक की स्कूटी पर ही लाश को आगे रखा। स्कूटी को अनुज तिवारी चला रहा था और उसके पीछे आशीष तिवारी बैठा हुआ था। वहीं दूसरी बाइक से रजनीश पांडेय उनके पीछे पीछे गया। लाश को स्कूटी में बांधकर उसे अकलोरडीह में मयूरा इंडस्ट्रीज के पीछे स्थित तालाब में धकेल कर फेंक दिया। इसके बाद तीनों आरोपी अपने अपने घर चले गए ।
तीनों आरोपियों से की गई पूछताछ के बाद पुलिस का दावा है कि इस हत्याकांड का आनलाइन सट्टा से कोई संबंध नहीं है। आरोपियों ने बचने के लिए आनलाइन सट्टा और महादेव बुक के रुपयों के लिए सुपारी किलिंग का मामला बनाने की कोशिश की थी। ताकि उनके लेनदेन के चलते किसी को शक न हो। हालांकि पुलिस ने जिस संदेही सद्दाम हुसैन को हिरासत में लिया था। उससे अभी भी पूछताछ की जा रही है।