पुरानी भिलाई। गणेश शुक्ला किसी परिचय के मोहताज नहीं है। 1986 से दुर्ग कोर्ट में वकालत की प्रेक्टिस कर रहे हैं। अधिवक्ता के साथ-साथ अच्छे वक्ता भी है। जिस शहर में पले बढ़े उस शहर के विकास की चिंता करते हैं।
पुरानी भिलाई में व्यवहार न्यायालय खुलने में अधिवक्ता गणेश शुक्ला का बड़ा योगदान है। इसके लिए वे लगातार संघर्ष करते रहे। संघर्ष का परिणाम मिला, और पुरानी भिलाई में व्यवहार व्यायालय की स्थापना हुई। अधिवक्ता गणेश शुक्ला व रमेश सिंह द्वारा पुरानी भिलाई रेलवे स्टेशन में एक्सप्रेस ट्रेनोंं के स्टापेज को लेकर भी अभियान चलाया गया है। इसके लिए संघर्ष आज भी जारी है।
गणेश शुक्ला अक्सर इस बात पर नाराज होते हैं कि पुरानी भिलाई को आखिर भिलाई तीन क्यों कहा जाता है। गणेश शुक्ला का कहना है कि सिर्फ यही एक भिलाई है। जिसके नाम से स्टील प्लांट का नाम भिलाई स्टील प्लांट रखा गया। रेलवे आज भी इसे भिलाई ही कहता है। यही पुरानी भिलाई है। इसी भिलाई के नाम पर भिलाई पावर हाऊस, भिलाई टाउनशिप बढ़ते गए। उनका विकास होता गया, और हम नंबर तीन हो गए।
गणेश शुक्ला का कहना है कि इस शहर को कितने नामों में बांट दिया गया। रेलवे इसे भिलाई कहता है, पोस्ट ऑफिस इसे भिलाई पूर्व लिखता है, बिजली विभाग भिलाई ग्रामीण कहता है। थाना इसे ओल्ड भिलाई कहता है। गणेश शुक्ला कहते हैं कि आखिर हम कौन होते हैं इसे भिलाई तीन कहने वाले? बार-बार भिलाई तीन कहने की वजह से इस शहर का विकास नहीं हो पाया। वरन इसे तो सबसे उन्नात व विकसित शहर होना था।
गणेश शुक्ला ने पुरानी भिलाई के लोगों से अपील की है कि वे अपने शहर की पहचान न खोने दे। गर्व करें कि हमारी भिलाई के नाम से स्टील प्लांट, टाउनशिप, पावर हाउस है। इसलिए हम इसे पुरानी भिलाई ही कहें।
(डायल 100.कॉम आज से भिलाई तीन शब्द का इस्तमाल नहीं करेगा। अब सिर्फ पुरानी भिलाई ही लिखा जाएगा, आप भी संकल्प लीजिए)