सन 2000…। नई सदी का पहला साल। यह साल कई सौगात लेकर आया था। पृथक छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की अपार खुशियों का साल। इसी साल एक सुपर डुपर हिट फिल्म आई थी। मोर छईया भुईया। जिसने तमाम रिकार्ड ध्वस्त कर दिए थे। फिल्म नदिया के पार की याद दिला गई। कही देबे संदेश के अर्से बाद कोई छत्तीसगढ़ फिल्म आई थी। जिसने पूरे छत्तीसगढ़ में धूम मचा दी। लोग दुर्ग के शारदा टाकीज में गांव-गांव से फिल्म देखने आते थे। बैलगाड़ी में बैठकर आते थे, रात दुर्ग में रुकते, सुबह फिल्म देखकर लौट जाते।
फिल्म को भानुप्रतापुर निवासी सतीश जैन ने निर्देशित किया था। तब सतीश जैन मुंबई से लौटकर आए थे। काफी साल तक डेविड धवन के अस्टिेंट रहे। लिहाजा मोर छईया भुईया में डेविड धवन की छाप थी। एक मामूली सेल्समेन अनुज शर्मा को उन्होंने छत्तीसगढ़ का गोविंदा बना दिया।
इस फिल्म की ज्यादातर शुटिंग भिलाई में हुई थी। इस वीडियों में जो दाढ़ी व चश्मे में जो शख्स दिखाई दे रहा है वह भिलाई हुडको निवासी त्रिलोक तिवारी है। त्रिलोक भाई का बचपन से ही फिल्म, ड्रामा आदि में इंट्रेस्ट रहा। त्रिलोक तिवारी इस एतिहासिक फिल्म से इत्तफाकन जुड़े।। दरअसल मैत्री गार्डन में फिल्म की शुटिंग के लिए परमिशन नहीं मिल रही थी। किसी ने त्रिलोक तिवारी का नाम सुझाया। त्रिलोक तिवारी ने बीएसपी से परमिशन दिला दिया। तब से वे फिल्म के डायरेक्टर सतीश जैन के खास हो गए। लिहाजा सतीश जैन ने उन्हें प्रोडक्शन मैनेजर बना दिया।
ऐसे मिला यह रोल…
त्रिलोक तिवारी बताते हैं कि कॉलेज स्टूडेंट वाला यह रोल किसी और को करना था। उस दिन वह आया नहीं। लिहाजा सतीश जैन के कहने पर यह रोल उन्होंने किया। कालेज स्टूडेंट के इस छोटे से रोल ने उन्हें भिलाई-दुर्ग में काफी प्रसिद्धी दिलाई। फिल्म में भिलाई के और भी कलाकर थे। निशा गौतम, अनिल शर्मा, सुरेश गोंडले, धर्मेंद्र चौबे, ललित उपाध्याय आदि।
ऐसे हुई पक्की दोस्ती
साल 2001 में हम लोगों ने भिलाई तीन के जनता स्कूल में आवाम सांस्कृतिक मंच के बैनर तले मिस्टर एवं मिस भिलाई प्रतियोगिता का आयोजन किया था। मुख्य अतिथि तत्तकालीन पालिका अध्यक्ष विजय बघेल तथा भाजपा चरोदा मंडल अध्यक्ष शशिकांत बघेल थे। कार्यक्रम के पूर्व मैंने अपने सीनियर पत्रकार राजकुमार सोनी से आग्रह किया था कि कार्यक्रम में मोर छईया भुईया के ज्यादा से ज्यादा कलाकार आना चाहिए। उन्होंने मेरा परिचय त्रिलोक तिवारी व धर्मेंद्र चौबे से करा दिया। त्रिलोक तिवारी ने मिस्टर एवं मिस भिलाई का कांसेप्ट बहुत पसंद आया। उन्होंने कार्यक्रम की सफलता के लिए बहुत मदद की। अनुज शर्मा व सेकंड लीड हीरो को छोड़ लगभग सारे कलाकारों को भिलाई तीन ले आए।
मिस्टर एवंं मिस भिलाई कार्यक्रम तथा मोर छाईया भुईया के कलाकारों को देखने के लिए जनता स्कूल में रिकार्ड तोड़ भीड़ उमड़ी। वह अपने आप में एक इतिहास है।
उसके बाद त्रिलोक तिवारी से रोजाना मिलना होता रहा। कभी टेली फिल्म की योजना बनी तो कभी क्राइम स्टोरी पर सीरियल बनाने को लेकर। सिर्फ योजना ही बनी उस पर अमल नहीं हो पाया, पर दोस्ती चलती रही। आज भी। इस बीच त्रिलोक तिवारी छत्तीसगढ़ी फिल्म के निर्देशक बन गए। उन्होंने हाल ही में एक जबर्दस्त फिल्म बनाई सनम रे। मुझे त्रिलोक भाई अक्सर कहते हैं कि कोई अच्छी कहानी और बैनर हाथ लगा तो तुझे एक स्मार्ट विलेन का रोल दूंगा। उन्हें मैं कभी हीरो नजर नहीं आया।
उम्मीद तो है कि त्रिलोक भाई जल्द ही मुझे कोई छत्तीसगढ़ी फिल्म में विलेन का रोल जरुर देंगे।
संतोष यादव, भिलाई
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