-महामंत्री को दरकिनार करने की कोशिश
-हर मंच पर सरोज समर्थकों का कब्जा
भिलाई । भाजपा भिलाई जिला का विवाद सुलझने के बजाए और उलझता दिख रहा है। दरअसल प्रदेश संगठन ने गुटीय संतुलन बनाए रखने के लिए अध्यक्ष व महामंत्री अलग-अलग खेमे से बनाए थे,जो अब असफल होती दिख रही है।
भिलाई जिला में कब्जे के लिए भिलाई भाजपा में डेढ़ साल तक घमासान चला था। राज्यसभा सदस्य सरोज पाण्डेय व लोकसभा सदस्य विजय बघेल समर्थक भिलाई जिला अध्यक्ष की दावेदारी कर रहे थे। इसी वजह से मामला डेढ़ साल तक लटक गया। नए प्रदेश प्रभारी व सह प्रभारी नियुक्ति के बाद भिलाई जिला भाजपा पर फैसला हो सका।
इस तरह की साधने की थी कोशिश
प्रदेश संगठन ने दोनों गुटो में समन्वय व तालमेल बनाए रखने के लिए गुटीय संतुलन की रणनीति बनाई थी। इसके तहत राज्यसभा सदस्य सरोज पाण्डेय खेमे के वीरेंद्र साहू को जिला अध्यक्ष तथा लोकसभा सदस्य विजय बघेल खेमे के शंकर लाल देवांगन को महामंत्री बना दिया था, पर समन्वय व गुटीय तालमेल की रणनीति गड़बड़ होती दिख रही है।
दिखने लगा बिखराव
भिलाई जिला भाजपा में बिखराव अब साफ नजर आने लगा है। जिला अध्यक्ष की अगुवाई में सांसद सरोज पाण्डेय खेमा अलग चल रहा है। भिलाई जिला भाजपा की कार्यकारिणी बनाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। चाहे प्रदेश अध्यक्ष का आगमन हो, परिक्षण शिविर का समापन हो, या फिर जिला प्रभारी की पत्रवार्ता हो कहीं भी जिला महामंत्री को नहीं बुलाया जा रहा है।
उपेक्षा का दर्द झेल रहे हैं महामंत्री
पूर्व साडा सदस्य शंकरलाल देवांगन जनसंघ के समय से पार्टी से जुड़े है। 1973 में उन्हें जनसंघ सुपेला वार्ड इकाई का अध्यक्ष बनाया गया था। वे 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना काल से जुड़े हुए हैं। भिलाई जिला भाजयुमो के प्रथम अध्यक्ष रहे शंकर देवांगन को भिलाई जिला भाजपा की कार्यकारिणी में महत्वपूर्ण स्थान मिलता रहा। भिलाई की राजनीति में अजातशत्रु की उपाधि रखने वाले शंकर लाल देवांगन महामंत्री बनाए जाने के बाद अपनी उपेक्षा से दुखी तो हैं, पर पार्टी लाइन के खिलाफ नहीं जाना चाहते। संघ से समर्पण सीखने वाले देवांगन कहते हैं कि वे तालमेल बनाकर निकाय चुनाव में बेहतर परिणाम का प्रयास करेंगे।
-हमने संघ से समर्पण सीखा है। शुरू से भाजपा के कर्मठ सिपाही रहे हैं। अभी निकाय चुनाव में बेहतर परिणाम हम सबकी प्राथमिकता है।
शंकर लाल देवांगन, महामंत्री
भिलाई जिला भाजपा
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