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छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं काे अगले वित्तीय वर्ष यानी अप्रैल 2022 से महंगाई का झटका लग सकता है। राज्य की विद्युत कंपनियों ने मूल्य बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी ही 745 करोड़ रुपए का घाटा रिकवर करना चाहती है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने अगर उनके प्रस्ताव को मंजूरी दी तो बिजली के दाम बढ़ सकते हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग को दी गई याचिकाओं में कंपनियों ने नए पूंजी निवेश, व्यय और आय का पूरा लेखाजोखा दिया है। बताया गया है कि चालू सत्र में कंपनी ने 3 हजार 642 करोड़ रुपए लाभ का अनुमान लगाया है। लेकिन पिछले वित्तीय वर्षों में हुए 4 हजार 388 करोड़ रुपए के नुकसान की भरपाई कंपनी करना चाहती है। यह घाटा पाटने के लिए कंपनी को 745 करोड़ के अतिरिक्त राजस्व की जरूरत होगी। कंपनियों ने नए पूंजी निवेश का प्रस्ताव भी दिया है। याचिका में कहा गया है, विद्युत उत्पादन, संधारण और वितरण कंपनियों में सिस्टम को अपग्रेड करने से संबंधी कई परियोजनाओं पर काम होना है। उसके लिए अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होगी।
ऐसे में हो सकता है कि कंपनी के लाभांश का अधिकांश हिस्सा इन योजनाओं में खप जाए। ऐसे में बिजली के सामान्य खर्च का भार उपभोक्ताओं पर ही आएगा। कंपनी के अधिकारियों का कहना है, उनको उम्मीद है कि विद्युत नियामक आयोग उनकी मांगों को स्वीकार कर टैरिफ में बदलाव को तैयार होगा। अगर ऐसा होता है तो प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की जेब पर ही इसका असर होगा।
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के राजकुमार गुप्त का कहना है, कंपनी का टेरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव बेतुका है। अगर कंपनी को चालू वित्तीय वर्ष में फायदा हुआ है तो टेरिफ क्यों बढ़ाया जाना चाहिए। कंपनी जिस 745 करोड़ की रिकवरी के लिए ऐसा करने की अनुमति मांग रही है, वह तो उसी टेरिफ पर सामान्य तौर पर ही पाटा जा सकता है। राजकुमार गुप्त जैसे कई उपभोक्ता और संगठन आयोग की जनसुनवाई में अपनी बात रखने की तैयारी में हैं।
विद्युत नियामक आयोग ने एक अगस्त 2021 को बिजली दाम बढ़ाया था। बिजली की औसत दर 6. 41 रुपया प्रति यूनिट निर्धारित किया गया। उससे पहले के दो वर्षों में यह दर 5.93 रुपया प्रति यूनिट थी। नई दर पिछले वर्ष की तुलना में 8 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा थी। किसानों को खेतों में लगे विद्युत पम्पों और खेतों की रखवाली के लिए लिए पम्प के समीप 100 वॉट के भार उपयोग की सुविधा दी गई थी। किसानों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए आयोग ने 100 वॉट तक लाइट एवं पंखे की स्वीकृति जारी रखी गई। वहीं गैर सब्सिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार वर्तमान में प्रभावशील 10 प्रतिशत की छूट को बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया।